Secretary Clinton's Eid-ul-Fitr Message - Hindi
Remarks
Washington, DC
September 16, 2009
16 सितम्बर, 2009
वाशिंग्टन, डी.सी.
विदेश मंत्री क्लिंटन: हैलो, और ईद मुबारक. आप सबको ईद की मुबारकबाद दे कर रमादान के अंत का उत्सव मनाने में मुझे प्रसन्नता हो रही है.
सन् 1996 में मेरे पति को और मुझे व्हाइट हाउस में सबसे पहली बार ईद के उत्सव की मेज़बानी करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था, जो अब एक परम्परा बन चुकी है. और इस वर्ष मैंने विदेश मंत्रालय में इफ़्तार की मेज़बानी की, जिसमें मुसलमानों और ग़ैर-मुस्लिमों सभी ने हिस्सा लिया. हम आशा करते हैं कि इससे हर वर्ष इस बात को पुन: बल मिलता है कि यहां संयुक्त राज्य अमेरिका में सभी धर्मों का निवास है. विश्वभर में मुसलमानों के लिए ईद-उल-फ़ित्र उपवास और प्रार्थना के पवित्र महीने के अंत का प्रतीक है. आत्म चिंतन का यह समय हमें याद दिलाता है कि इस्लाम के मूल्य -- दानशीलता, सामुदायिकता, सहयोग, सम्वेदना -- ऐसे मूल्य हैं जो अमेरिकी होने के नाते हमें प्रिय हैं और जिन्होंने अमेरिकी संस्कृति में इतना अधिक योगदान किया है.
जैसा कि राष्ट्रपति ओबामा ने क़ाहिरा में कहा था, संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व भर में मुसलमानों के साथ एक नई शुरूआत करना चाहता है, जो पारस्परिक हित और पारस्परिक सम्मान पर आधारित हो. हम जानते हैं कि धर्म में विश्वास करने वाले लोगों को जो जोड़ता है वह उससे अधिक है जो हमें जुदा करता है.
तो जबकि रमादान का समापन हो रहा है, आइए हम शंति, समृद्धि, और स्थायित्व के अपने साझे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पूरे वर्ष उसी समुदाय-भावना का दामन थामे रखें. और मैं आप सबके लिए बहुत ही प्रसन्नता भरे वर्ष की भी कामना करती हूं. धन्यवाद.
वाशिंग्टन, डी.सी.
विदेश मंत्री क्लिंटन: हैलो, और ईद मुबारक. आप सबको ईद की मुबारकबाद दे कर रमादान के अंत का उत्सव मनाने में मुझे प्रसन्नता हो रही है.
सन् 1996 में मेरे पति को और मुझे व्हाइट हाउस में सबसे पहली बार ईद के उत्सव की मेज़बानी करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था, जो अब एक परम्परा बन चुकी है. और इस वर्ष मैंने विदेश मंत्रालय में इफ़्तार की मेज़बानी की, जिसमें मुसलमानों और ग़ैर-मुस्लिमों सभी ने हिस्सा लिया. हम आशा करते हैं कि इससे हर वर्ष इस बात को पुन: बल मिलता है कि यहां संयुक्त राज्य अमेरिका में सभी धर्मों का निवास है. विश्वभर में मुसलमानों के लिए ईद-उल-फ़ित्र उपवास और प्रार्थना के पवित्र महीने के अंत का प्रतीक है. आत्म चिंतन का यह समय हमें याद दिलाता है कि इस्लाम के मूल्य -- दानशीलता, सामुदायिकता, सहयोग, सम्वेदना -- ऐसे मूल्य हैं जो अमेरिकी होने के नाते हमें प्रिय हैं और जिन्होंने अमेरिकी संस्कृति में इतना अधिक योगदान किया है.
जैसा कि राष्ट्रपति ओबामा ने क़ाहिरा में कहा था, संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व भर में मुसलमानों के साथ एक नई शुरूआत करना चाहता है, जो पारस्परिक हित और पारस्परिक सम्मान पर आधारित हो. हम जानते हैं कि धर्म में विश्वास करने वाले लोगों को जो जोड़ता है वह उससे अधिक है जो हमें जुदा करता है.
तो जबकि रमादान का समापन हो रहा है, आइए हम शंति, समृद्धि, और स्थायित्व के अपने साझे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पूरे वर्ष उसी समुदाय-भावना का दामन थामे रखें. और मैं आप सबके लिए बहुत ही प्रसन्नता भरे वर्ष की भी कामना करती हूं. धन्यवाद.